🕉️✨ अध्याय 2 – सांख्य योग (ज्ञान और आत्मा के जागरण का पथ) ✨
🌍 Chapter 2 – Sankhya Yog (The Path of Knowledge and Awakening of the Soul)
🪷 :सांख्य योग
सांख्य योग अध्याय में श्रीकृष्ण अर्जुन को आत्मा के अमरत्व, कर्म के महत्व और धर्म के सच्चे मार्ग का उपदेश देते हैं। यह अध्याय गीता का हृदय है, जहाँ मनुष्य अपने कर्तव्य को समझकर मोह और भय से मुक्त होकर आत्मज्ञान की ओर बढ़ता है।
🌸 :Sankhya Yog
In the Sankhya Yog chapter, Lord Krishna reveals to Arjuna the immortality of the soul, the essence of righteous action, and the true path of duty. This chapter forms the heart of the Gita, guiding humans to rise above delusion and fear, moving toward self-realization and divine wisdom.
🕉️ श्लोक 1
📜 संजय उवाच —
तं तथा कृपयाविष्टमश्रुपूर्णाकुलेक्षणम्।
विषीदन्तमिदं वाक्यमुवाच मधुसूदनः॥
हिन्दी अर्थ:
संजय बोले — उस समय कृपा से व्याप्त और आँसुओं से भरे नेत्रों वाले, विषादग्रस्त अर्जुन से भगवान श्रीकृष्ण ने यह वचन कहा।
English Meaning:
Sanjaya said — Seeing Arjuna overwhelmed with compassion and sorrow, with eyes full of tears, Lord Krishna spoke these words to him.
भावार्थ (Hindi):
जब मनुष्य मोह और ममता में फँसकर निर्णय की शक्ति खो देता है, तब ईश्वर उसके जीवन में मार्गदर्शन करने के लिए प्रकट होते हैं।
यह श्लोक उस क्षण को दर्शाता है जब श्रीकृष्ण अर्जुन के भ्रम को दूर करने और उसे आत्मज्ञान देने की तैयारी कर रहे हैं।
Bhavarth (English):
When a person loses the power of right judgment due to attachment and emotion, God appears in his life to guide him on the right path.
This verse shows the moment when Lord Krishna prepares to remove Arjuna’s confusion and grant him divine wisdom.
🌼 प्रेरणादायक विचार:
“जब मन कमजोर हो जाए, तो समझो भगवान तुम्हें सशक्त बनाने का अवसर दे रहे हैं।”
🕉️ श्लोक 2
📜 श्रीभगवानुवाच —
कुतस्त्वा कश्मलमिदं विषमे समुपस्थितम्।
अनार्यजुष्टमस्वर्ग्यमकीर्तिकरमर्जुन॥
हिन्दी अर्थ:
भगवान बोले — हे अर्जुन! तुझ पर यह मोह और दया का भाव इस कठिन समय में कैसे आ गया? यह आर्य (श्रेष्ठ) पुरुषों के योग्य नहीं है, न स्वर्ग दिलाने वाला है और न ही कीर्ति देने वाला।
English Meaning:
The Blessed Lord said — O Arjuna! From where has this weakness come upon you at this critical moment? It is not befitting an honourable man, nor does it lead to heaven or fame.
भावार्थ (Hindi):
कठिन समय में हमें दुर्बल नहीं, दृढ़ बनना चाहिए।
श्रीकृष्ण अर्जुन को स्मरण करा रहे हैं कि भावुकता कर्म का विकल्प नहीं है — धर्म की रक्षा के लिए साहस आवश्यक है।
Bhavarth (English):
In difficult times, one must not become weak but firm.
Krishna reminds Arjuna that emotion cannot replace action; courage is essential to uphold righteousness.
🌼 प्रेरणादायक विचार:
“कठिनाइयाँ हमें गिराने नहीं, गढ़ने आती हैं।”
🕉️ श्लोक 3
📜 क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परंतप॥
हिन्दी अर्थ:
हे पार्थ! दुर्बलता को मत अपनाओ; यह तुझ पर शोभा नहीं देती। हे परंतप! हृदय की तुच्छ दुर्बलता का त्याग कर उठो।
English Meaning:
O Partha! Do not yield to unmanliness; it does not become you. Cast off this petty weakness of heart and arise, O scorcher of foes!
भावार्थ (Hindi):
यह श्लोक साहस की पुकार है। भगवान अर्जुन को आदेश देते हैं — उठो, क्योंकि शक्ति तुम्हारे भीतर है।
दुर्बलता केवल भ्रम है, जो आत्मविश्वास से मिट जाती है।
Bhavarth (English):
This verse is a call for courage. Lord Krishna commands Arjuna — Rise up, for strength lies within you.
Weakness is only an illusion that disappears with faith.
🌼 प्रेरणादायक विचार:
“जिसे अपने ऊपर भरोसा है, उसे कोई शक्ति हरा नहीं सकती।”
🕉️ श्लोक 4
📜 अर्जुन उवाच —
कथं भीष्ममहं संख्ये द्रोणं च मधुसूदन।
इषुभिः प्रतियोत्स्यामि पूजार्हावरिसूदन॥
हिन्दी अर्थ:
अर्जुन बोले — हे मधुसूदन! मैं भीष्म और द्रोण जैसे पूजनीय आचार्यों पर युद्ध में तीर कैसे चलाऊँ?
English Meaning:
Arjuna said — O Krishna! How shall I fight with arrows against Bhishma and Drona, who are worthy of my worship?
भावार्थ (Hindi):
अर्जुन के हृदय में धर्म और प्रेम के बीच द्वंद्व है।
वह सोचता है — क्या अपने गुरु और दादा पर शस्त्र उठाना उचित है?
यह श्लोक मनुष्य के भीतर के नैतिक संघर्ष को दर्शाता है।
Bhavarth (English):
Arjuna’s heart is torn between duty and love.
He wonders if raising weapons against his revered elders is right.
This verse reflects the moral conflict within every human.
🌼 प्रेरणादायक विचार:
“कभी-कभी सच्चाई की राह सबसे कठिन होती है, पर वही आत्मा को शांति देती है।
🕉️ श्लोक 5
📜 गुरूनहत्वा हि महानुभावान्
श्रेयो भोक्तुं भैक्ष्यमपीह लोके।
हत्वार्थकामांस्तु गुरुनिहैव
भुञ्जीय भोगान् रुधिरप्रदिग्धान्॥
हिन्दी अर्थ:
इन महानुभाव गुरुओं को मारकर मैं रक्त से रँगे हुए सुख कैसे भोग सकता हूँ? भिक्षा से जीवन यापन करना इससे श्रेष्ठ है।
English Meaning:
It is better to live on alms in this world than to slay these noble teachers. By killing them, I would enjoy wealth and pleasures tainted with blood.
भावार्थ (Hindi):अर्जुन के भीतर की करुणा उसे कर्तव्य से रोक रही है।वह सोचता है — सम्मानित लोगों के विरुद्ध जीत भी अपवित्र होगी।
Bhavarth (English):Compassion stops Arjuna from performing his duty.
He feels that victory gained by killing the noble is impure.
🌼 प्रेरणादायक विचार:
“सच्चा योद्धा वही है जो न्याय के लिए लड़े, न कि लालच के लिए।
🕉️ श्लोक 6
न चैतद्विद्मः कतरन्नो गरीयो यद्वा जयेम यदि वा नो जयेयुः।
यानेव हत्वा न जिजीविषामस्तेऽवस्थिताः प्रमुखे धार्तराष्ट्राः॥
📜 हिंदी अर्थ:
हम नहीं जानते कि हमारे लिए क्या अच्छा है—हम इन्हें जीतें या ये हमें जीतें। जिनको मारकर हम जीना नहीं चाहते, वे हमारे सामने खड़े हैं।
💬 English Meaning:
We do not know which is better—to conquer them or to be conquered by them. Those very sons of Dhritarashtra, whom we do not wish to kill, stand before us in battle.
💠 भावार्थ (हिंदी):
यह श्लोक मनुष्य के भीतर के संघर्ष को दिखाता है। अर्जुन केवल युद्ध नहीं, अपने ही मन से लड़ रहा है। जब प्यार और कर्तव्य आमने-सामने हों, तब निर्णय कठिन हो जाता है। यह श्लोक हमें सिखाता है कि जीवन में जब सब कुछ उलझ जाए, तब ठहरकर भगवान से दिशा माँगनी चाहिए। सच्चा निर्णय वही है जो आत्मा की शांति से लिया जाए, न कि भय या मोह से।
💠 Bhavarth (English):
This verse shows the battle inside a human heart. Arjuna isn’t just facing warriors; he’s fighting his own emotions. When love and duty collide, confusion arises. True strength lies in pausing, seeking divine guidance, and choosing peace over fear.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"जब मन भ्रमित हो, तो ईश्वर से मार्गदर्शन माँगो।"
“When the mind is confused, seek direction from God.”
🕉️ श्लोक 7
कार्पण्यदोषोपहतस्वभावः पृच्छामि त्वां धर्मसम्मूढचेताः।
यच्छ्रेयः स्यान्निश्चितं ब्रूहि तन्मे शिष्यस्तेऽहं शाधि मां त्वां प्रपन्नम्॥
📜 हिंदी अर्थ:
दया और दुर्बलता से मेरा स्वभाव प्रभावित हो गया है। मैं धर्म के विषय में भ्रमित हूँ। मैं आपका शिष्य हूँ—मुझे वह बताइए जो मेरे लिए कल्याणकारी हो।
💬 English Meaning:
My nature is overcome by weakness and confusion. I am Your disciple—please instruct me what is truly best for me.
💠 भावार्थ (हिंदी):
यह वह क्षण है जब अर्जुन का अहंकार टूट जाता है। वह अब युद्ध नहीं, ज्ञान चाहता है। जीवन में हर किसी को ऐसा समय आता है जब अपने सामर्थ्य के बावजूद हम हार मान लेते हैं। तब आत्मा गुरु या भगवान की शरण में शांति ढूँढती है। यह श्लोक सिखाता है कि सच्चा शिष्य वही है जो कह सके—“मुझे सिखाओ।”
💠 Bhavarth (English):
Here Arjuna surrenders completely. When life’s weight becomes too heavy, humility opens the path to wisdom. True growth begins the moment we say, “Teach me.”
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"समर्पण कमजोरी नहीं, ज्ञान की शुरुआत है।"
“Surrender is not weakness; it is the beginning of wisdom.”
🕉️ श्लोक 8
न हि प्रपश्यामि ममापनुद्याद्यच्छोकमुच्छोषणमिन्द्रियाणाम्।
अवाप्य भूमावसपत्नमृद्धं राज्यं सुराणामपि चाधिपत्यम्॥
📜 हिंदी अर्थ:
मैं कोई ऐसा उपाय नहीं देखता जो मेरे हृदय को जलाने वाले इस शोक को दूर कर सके, चाहे मुझे पृथ्वी का राज्य मिले या देवताओं का भी।
💬 English Meaning:
I see no way to remove this grief that burns my soul, even if I were to gain the kingdom of gods.
💠 भावार्थ (हिंदी):
अर्जुन का मन पूर्ण रूप से टूट चुका है। धन, राज्य, विजय—कुछ भी उसके शोक को मिटा नहीं सकता। यह श्लोक बताता है कि जब आत्मा पीड़ा से जल रही हो, तब भौतिक सुख व्यर्थ लगते हैं। केवल भगवान की कृपा और आत्मज्ञान ही उस आंतरिक शून्यता को भर सकते हैं।
💠 Bhavarth (English):
Arjuna’s despair reflects our deepest human pain. No wealth or power can heal an aching soul. Only divine wisdom and surrender can restore inner peace.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"बाहरी जीत से पहले, भीतर की शांति ज़रूरी है।"
“Before outer victory, seek inner peace.”
🕉️ श्लोक 9
संजय उवाच — एवमुक्त्वा हृषीकेशं गुडाकेशः परन्तप।
न योत्स्य इति गोविन्दमुक्त्वा तूष्णीं बभूव ह॥
📜 हिंदी अर्थ:
संजय ने कहा — इस प्रकार कहकर अर्जुन ने युद्ध न करने का निश्चय प्रकट किया और मौन हो गया।
💬 English Meaning:
Sanjaya said: Having spoken thus to Krishna, Arjuna declared he would not fight and fell silent.
💠 भावार्थ (हिंदी):
यह मौन भीतर के तूफान का प्रतीक है। जब इंसान के सारे शब्द खत्म हो जाते हैं, तब मौन बोलता है। अर्जुन की चुप्पी में दर्द, प्रेम और समर्पण सब हैं। यह श्लोक हमें सिखाता है कि कभी-कभी जीवन के उत्तर शब्दों में नहीं, मौन में मिलते हैं।
💠 Bhavarth (English):
Arjuna’s silence isn’t emptiness—it’s surrender. When words fail, silence becomes the voice of the soul. In stillness, the divine begins to guide.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"मौन में ही भगवान की आवाज़ सुनाई देती है।"
“In silence, God’s voice can be heard.”
🕉️ श्लोक 10
तमुवाच हृषीकेशः प्रहसन्निव भारत।
सेनयोरुभयोर्मध्ये विषीदन्तमिदं वचः॥
📜 हिंदी अर्थ:
हे भारत! दोनों सेनाओं के बीच विषादग्रस्त अर्जुन से भगवान श्रीकृष्ण मुस्कराकर बोले।
💬 English Meaning:
O Bharata, to the sorrowful Arjuna standing between the armies, Krishna, with a smile, spoke these words.
💠 भावार्थ (हिंदी):
कृष्ण की मुस्कान करुणा से भरी है। वे जानते हैं कि अर्जुन का दुःख अस्थायी है। यह मुस्कान आशा का प्रतीक है—कि अंधकार चाहे जितना भी गहरा हो, ज्ञान का सूरज अवश्य उगेगा। भगवान हमें बताना चाहते हैं कि जीवन की सबसे कठिन घड़ी में भी मुस्कराना ही विजय की शुरुआत है।
💠 Bhavarth (English):
Krishna’s divine smile carries hope and compassion. He knows Arjuna’s grief will pass once truth is revealed. His smile reminds us: no darkness lasts forever; light always returns.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"भगवान मुस्कराते हैं जब हम हार मानते हैं, क्योंकि वे जानते हैं—हम जीतने वाले हैं।"
“God smiles when we surrender, for He knows we are about to rise.”
🕉️ श्लोक 11
श्रीभगवानुवाच — अशोच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे।
गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिताः॥
📜 हिंदी अर्थ:
भगवान ने कहा — तू उन लोगों के लिए शोक कर रहा है जिनके लिए शोक करना उचित नहीं है। ज्ञानी न तो मृतों के लिए शोक करते हैं, न जीवितों के लिए।
💬 English Meaning:
You grieve for those who are not worthy of grief. The wise neither mourn for the living nor the dead.
💠 भावार्थ (हिंदी):
कृष्ण अर्जुन को आत्मा के अमर सत्य से परिचित कराते हैं। जब हम किसी को खोते हैं, तो हम वास्तव में शरीर के बिछड़ने पर रोते हैं, आत्मा पर नहीं। आत्मा अमर है, केवल रूप बदलती है। यह श्लोक हमें सिखाता है कि सच्ची बुद्धि मृत्यु से परे देखने की शक्ति है।
💠 Bhavarth (English):
Krishna reminds Arjuna of the soul’s immortality. The body perishes, but the spirit never dies. True wisdom is seeing beyond endings, into the eternal journey of life.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"जो आत्मा को पहचानता है, वह मृत्यु से नहीं डरता।"
“He who knows the soul, fears not death.”
🕉️ श्लोक 12
न त्वेवाहं जातु नासं न त्वं नेमे जनाधिपाः।
न चैव न भविष्यामः सर्वे वयमतः परम्॥
📜 हिंदी अर्थ:
कभी ऐसा समय नहीं था जब मैं, तुम या ये राजा नहीं थे; आगे भी हम सब अस्तित्व में रहेंगे।
💬 English Meaning:
There was never a time when I did not exist, nor you, nor these kings; nor will any of us cease to exist.
💠 भावार्थ (हिंदी):
यह श्लोक आत्मा की अनंतता को बताता है। आत्मा न जन्म लेती है न मरती है। शरीर बदलते हैं, पर अस्तित्व शाश्वत रहता है। जो इस सत्य को जान लेता है, वह हर भय और दुःख से मुक्त हो जाता है।
💠 Bhavarth (English):
The soul is eternal, beyond birth and death. Forms change, but existence remains unbroken. Knowing this truth brings unshakable peace.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"मृत्यु अंत नहीं, आत्मा की यात्रा का नया अध्याय है।"
“Death is not the end; it’s a new chapter of the soul’s journey.”
🕉️ श्लोक 13
देहिनोऽस्मिन्यथा देहे कौमारं यौवनं जरा।
तथा देहान्तरप्राप्तिर्धीरस्तत्र न मुह्यति॥
📜 हिंदी अर्थ:
जैसे इस शरीर में बाल्य, युवावस्था और वृद्धावस्था आती है, वैसे ही आत्मा दूसरा शरीर धारण करती है। धीर व्यक्ति इससे भ्रमित नहीं होता।
💬 English Meaning:
As the body moves from childhood to youth to old age, the soul similarly passes into another body. The wise are not deluded by this.
💠 भावार्थ (हिंदी):
जीवन परिवर्तन का नाम है। शरीर बदलता है, आत्मा नहीं। जो इस सच्चाई को स्वीकार करता है, वही जीवन में स्थिर रह सकता है। यह श्लोक सिखाता है कि परिवर्तन से डरना नहीं चाहिए, क्योंकि यह आत्मा की यात्रा का हिस्सा है।
💠 Bhavarth (English):
Life is change. Bodies age and fade, but the soul continues. Those who accept this truth live in peace. Change is not loss—it’s growth.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"जो परिवर्तन को अपनाता है, वही सदा आगे बढ़ता है।"
“One who embraces change keeps evolving.”
🕉️ श्लोक 14
मात्रास्पर्शास्तु कौन्तेय शीतोष्णसुखदुःखदाः।
आगमापायिनोऽनित्यास्तांस्तितिक्षस्व भारत॥
📜 हिंदी अर्थ:
हे कुन्तीपुत्र! सर्दी-गर्मी, सुख-दुःख आदि इंद्रिय-स्पर्शजन्य अवस्थाएँ अस्थायी हैं। इन्हें धैर्य से सहन करो।
💬 English Meaning:
O son of Kunti, sensations like heat and cold, pleasure and pain are temporary—endure them patiently.
💠 भावार्थ (हिंदी):
कृष्ण अर्जुन को सिखाते हैं कि जो आता है, वह चला भी जाता है। सुख और दुःख दोनों जीवन के मेहमान हैं। उन्हें समान भाव से स्वीकार करना ही सच्चा धैर्य है। जो व्यक्ति परिस्थितियों से नहीं डगमगाता, वही भीतर से मुक्त होता है।
💠 Bhavarth (English):
Pleasure and pain are passing clouds. Learn to stay calm amidst both. True strength lies in enduring life with balance.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"सहनशीलता आत्मा की सबसे बड़ी विजय है।"
“Endurance is the soul’s greatest victory.”
🕉️ श्लोक 15
यं हि न व्यथयन्त्येते पुरुषं पुरुषर्षभ।
समदुःखसुखं धीरं सोऽमृतत्वाय कल्पते॥
📜 हिंदी अर्थ:
हे श्रेष्ठ पुरुष! जो सुख-दुःख में समान रहता है, वही अमरत्व (मोक्ष) का अधिकारी होता है।
💬 English Meaning:
O noble one, he who remains balanced in pleasure and pain becomes fit for immortality.
💠 भावार्थ (हिंदी):
जीवन के उतार-चढ़ाव हर किसी के लिए हैं, लेकिन जो उनमें स्थिर रह सके, वही मुक्त होता है। सुख और दुःख दोनों अस्थायी हैं। जो व्यक्ति इनके पार देख सके, वही आत्मा की शाश्वत शांति को प्राप्त करता है।
💠 Bhavarth (English)True liberation comes when one rises above happiness and sorrow. Balance is the sign of a liberated soul.
🌿 प्रेरणादायक विचार:जो हर परिस्थिति में समान रहता है, वही सच्चा विजेता है। He who stays balanced in all situations is the true conqueror.”
🕉️ श्लोक 16
नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतः।
उभयोरपि दृष्टोऽन्तस्त्वनयोस्तत्त्वदर्शिभिः॥
📜 हिंदी अर्थ:
असत (जो नाशवान है) का कभी अस्तित्व नहीं होता और सत (जो शाश्वत है) का कभी अभाव नहीं होता। इस सत्य को तत्त्वदर्शी ज्ञानीजन देख चुके हैं।
💬 English Meaning:
The unreal has no existence, and the real never ceases to be. The seers of truth have perceived the distinction between these two.
💠 भावार्थ (हिंदी):
यह श्लोक जीवन का मूल तत्व बताता है — जो बदलता है वह असत्य है, और जो सदा एक समान रहता है वह सत्य है। शरीर, वस्तुएँ, रिश्ते — सब परिवर्तनशील हैं; पर आत्मा, जो भीतर स्थित है, वह अमर है। ज्ञानी व्यक्ति बाहरी नाश में दुःख नहीं करता, क्योंकि वह जानता है कि सच्चा "मैं" कभी नहीं मरता। यह दृष्टि मिल जाए तो जीवन में भय समाप्त हो जाता है।
💠 Bhavarth (English):
This verse reveals the essence of life: the temporary world fades, but the soul remains. The wise see beyond birth and death, beyond gain and loss. Knowing the eternal truth brings unshakable peace, for one realizes—"I am not this body; I am the eternal soul."
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"जो सत्य को पहचान लेता है, उसे मृत्यु का भय नहीं रहता।"
“One who realizes the truth becomes fearless before death.”
🕉️ श्लोक 17
अविनाशि तु तद्विद्धि येन सर्वमिदं ततम्।
विनाशमव्ययस्यास्य न कश्चित्कर्तुमर्हति॥
📜 हिंदी अर्थ:
जो सर्वत्र व्याप्त है, उसे अविनाशी जानो; उस अविनाशी आत्मा का नाश कोई नहीं कर सकता।
💬 English Meaning:
Know that which pervades the entire body to be indestructible; no one can destroy that imperishable Self.
💠 भावार्थ (हिंदी):
भगवान यहाँ आत्मा के अमरत्व को स्पष्ट करते हैं। आत्मा केवल इस शरीर में नहीं, बल्कि संपूर्ण ब्रह्मांड में व्याप्त है। जैसे आकाश को काटा नहीं जा सकता, वैसे आत्मा को भी कोई नष्ट नहीं कर सकता। यह ज्ञान जब मनुष्य को मिल जाता है, तो उसके जीवन में किसी भी हानि या मृत्यु का भय नहीं रह जाता। वह निडर होकर कर्म करता है।
💠 Bhavarth (English):
The soul is like space—untouched, boundless, indestructible. Once you realize this, no fear or pain can shake you. True freedom begins the moment you know: nothing can destroy who you truly are.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"आत्मा को कोई मार नहीं सकता, इसलिए भय केवल भ्रम है।"
“The soul cannot be slain; fear is only an illusion.”
🕉️ श्लोक 18
अन्तवन्त इमे देहा नित्यस्योक्ताः शरीरिणः।
अनाशिनोऽप्रमेयस्य तस्माद्युध्यस्व भारत॥
📜 हिंदी अर्थ:
यह शरीर नाशवान है, पर आत्मा नित्य, अविनाशी और अपरिमेय है। इसलिए, हे भारत! तू युद्ध कर।
💬 English Meaning:
The bodies are perishable, but the indwelling soul is eternal, indestructible, and immeasurable. Therefore, O Arjuna, fight.
💠 भावार्थ (हिंदी):
कृष्ण अर्जुन को यह समझाते हैं कि मृत्यु केवल शरीर की है, आत्मा की नहीं। जैसे पुराने वस्त्र को छोड़कर नया पहन लिया जाता है, वैसे ही आत्मा नए शरीर को धारण करती है। इसलिए अपने धर्म के मार्ग पर डटे रहो और कर्तव्य करो, क्योंकि मृत्यु कोई अंत नहीं — एक नई शुरुआत है।
💠 Bhavarth (English):
Krishna teaches that death is merely a change of clothes for the soul. Knowing this, perform your duty without fear. Death is not the end—it’s a doorway to another beginning.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"मृत्यु अंत नहीं, आत्मा की नई यात्रा की शुरुआत है।"
“Death is not the end; it’s the soul’s new beginning.”
🕉️ श्लोक 19
य एनं वेत्ति हन्तारं यश्चैनं मन्यते हतम्।
उभौ तौ न विजानीतो नायं हन्ति न हन्यते॥
📜 हिंदी अर्थ:
जो यह सोचता है कि आत्मा मारती है, या यह कि आत्मा मारी जाती है, दोनों ही अज्ञान में हैं; आत्मा न तो मारती है, न मारी जाती है।
💬 English Meaning:
He who thinks the soul kills or is killed, both are ignorant; the soul neither kills nor can be killed.
💠 भावार्थ (हिंदी):
आत्मा शुद्ध चेतना है — न वह किसी को मार सकती है, न मारी जा सकती है। शरीर कर्म करता है, आत्मा साक्षी मात्र रहती है। यह जानकर मनुष्य हिंसा, पाप और भय से मुक्त हो जाता है। जब यह समझ भीतर उतरती है, तब जीवन में कोई द्वेष या डर नहीं बचता।
💠 Bhavarth (English):
The soul is pure awareness, untouched by action or death. It neither kills nor dies. When you realize this, anger and fear disappear. You see yourself as the eternal witness, not the doer.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"जो आत्मा को जान लेता है, उसे कोई दुख छू नहीं सकता।"
“He who knows the soul becomes untouchable by sorrow.”
🕉️ श्लोक 20
न जायते म्रियते वा कदाचित् नायं भूत्वा भविता वा न भूयः।
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो न हन्यते हन्यमाने शरीरे॥
📜 हिंदी अर्थ:
आत्मा न कभी जन्म लेती है, न कभी मरती है। वह अजन्मा, नित्य, शाश्वत और पुरातन है। शरीर के नष्ट होने पर भी आत्मा का नाश नहीं होता।
💬 English Meaning:
The soul is never born nor does it die. It is eternal, everlasting, and ancient. It is not destroyed when the body is destroyed.
💠 भावार्थ (हिंदी):
यह श्लोक आत्मा के अमरत्व का सबसे सुंदर वर्णन है। जो जन्म-मरण के चक्र से परे है, वही सच्चा "मैं" है। शरीर बदलते रहते हैं, पर आत्मा सदा एक समान रहती है। जो इस सत्य को समझ लेता है, वह जीवन के हर उतार-चढ़ाव में स्थिर रहता है।
💠 Bhavarth (English):
This verse declares the soul’s immortality—it never begins and never ends. The body may die, but the soul remains untouched. When one realizes this, they live with peace, free from the fear of loss.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"जो आत्मा को समझ लेता है, वह सदा शांत रहता है।"
“One who knows the soul lives in eternal peace.”
🕉️ श्लोक 21
वेदाविनाशिनं नित्यं य एनमजमव्ययम्।
कथं स पुरुषः पार्थ कं घातयति हन्ति कम्॥
📜 हिंदी अर्थ:
जो यह जानता है कि आत्मा नित्य, अजन्मा और अविनाशी है, वह किसी को मार कैसे सकता है या किसी को मरने वाला कैसे समझ सकता है?
💬 English Meaning:
He who knows the soul to be eternal, unborn, and indestructible—how can such a person think of killing or being killed?
💠 भावार्थ (हिंदी):
जब व्यक्ति आत्मा की अमरता को जान लेता है, तो उसके भीतर करुणा और विवेक का संयोग हो जाता है। वह समझ जाता है कि किसी का वध असंभव है, क्योंकि आत्मा तो नष्ट नहीं होती। इसलिए सच्चा ज्ञानी कभी हिंसा नहीं करता; वह केवल धर्म का पालन करता है।
💠 Bhavarth (English):
Once a person realizes the soul’s eternity, compassion and clarity arise. Such a person cannot truly harm anyone, for the soul is beyond injury. True knowledge leads to peace, not violence.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"जो आत्मा को जानता है, उसके भीतर शांति बस जाती है।"
“One who knows the soul lives in peace with all beings.”
🕉️ श्लोक 22
वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरः पराणि।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णा न्यन्यानि संयाति नवानि देही॥
📜 हिंदी अर्थ:
जैसे मनुष्य पुराने वस्त्र छोड़कर नए पहनता है, वैसे ही आत्मा पुराने शरीर को छोड़कर नया शरीर धारण करती है।
💬 English Meaning:
Just as a person discards worn-out clothes and puts on new ones, the soul gives up old bodies and takes on new ones.
💠 भावार्थ (हिंदी):
यह श्लोक पुनर्जन्म का सुंदर रहस्य खोलता है। आत्मा सदा नई देह लेती रहती है, पर उसकी पहचान नहीं बदलती। मृत्यु केवल वस्त्र परिवर्तन है। इसलिए किसी की मृत्यु पर शोक नहीं, बल्कि प्रार्थना होनी चाहिए कि आत्मा अपनी नई यात्रा में प्रकाश पाए।
💠 Bhavarth (English):
This verse beautifully explains reincarnation. Death is not loss—it’s renewal. The soul changes bodies like clothes, continuing its eternal journey toward perfection.
🌿 प्रेरणादायक विचार:
"मृत्यु वस्त्र बदलने जैसा है, आत्मा सदा जीवित रहती है।"
“Death is but a change of clothes; the soul lives forever.”

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